Saturday, May 22, 2010

अंशुमन भाई , अनन्या दीदी और नानी

प्यारे दोस्तों!
आज अनन्या दीदी ने अपने छोटे भाई अंशुमन और अपनी नानी की तस्वीर भेजी हैं। अनन्या दीदी इन्द्रापुरम वाले घर में बहुत अकेलापन महसूस करती थी। यहाँ भिलाई में उनके नाना -नानी और दादा- दादी और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं तो यहाँ तो वह खुश रहती हैं पर गाज़ियाबाद में उसे ज़रा सा भी अच्छा नहीं लगता था।
पर अब अंशुमन भाई के आने के बाद से दीदी की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है वह दिन भर अपने छोटे भाई का ख्याल रखती है वह भाई का सारा काम करना चाहती है पर छोटी है इसलिए उसे नहीं करने दिया जाता। दीदी का काम है छोटे भाई के लिए नेपकिन लाना और झूले में झुलाना।
दीदी की मम्मी ने सख्त हिदायत दे रखी है कि हाथ साफ करके ही भाई को स्पर्श करें और kiss करने से भी मना किया गया है ताकि बच्चे को कोई infection ना हो। दीदी बहुत कोशिश करती है पर इतने प्यारे भाई को देखकर वह अपनेको नियंत्रण में नहीं रख पाती और इसके बाद तो खुदा ही मालिक है।
:)









हम्म ! इतनी फोटो खींचें की अंशुमन बेचारा थक गया और उसे नींद आ गई।


और दीदी के गोद में सो गया.......
:)

Saturday, May 1, 2010

चारू भइय्या

दोस्तों मैं आपको आज अपने प्यारे सबसे करीब और अजीज़ से मिलवाने जा रहा हूँ जो आज भी दुःख सुख़ में मेरे साथ है और मुझे हमेशा प्यार करते हैं। आज उन्होंने मेरे ब्लॉग के लिए कुछ चित्र बनाये हैं इसे मै आपको दिखाना चाहता हूँ।


ये हैं चारू भैय्या
यह चित्र उन्होंने अपना बनाया है.
और यह भूमि दीदी का है जो एक शिक्षिका बनी है.
और इस चित्र में सूरज, चंदा और एक फूल का पौधा है।
और एक दैत्य का भी चित्र है.

चारू भैय्या की कल्पना का कोई जवाब नहीं वह उम्र में बहुत ही छोटे हैं पर जब बात करते हैं तो लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं.तो ऐसे हैं हमारे प्यारे चारू भैय्या
चारू भैया आपका शुक्रिया..... :)