Friday, August 27, 2010

रक्षा बंधन का त्यौहार

यह त्यौहार मेरे लिए बहुत ही प्यारा रहा। सृष्टि दीदी ने मुझे और चारू भैया को राखी बांधी। बड़े पापा, बड़ी मम्मी मुझसे मिलने आये थे क्योंकि शनिवार दोपहर को मुझे बहुत जोर का झटका आया था। लगभग एक घंटे तक मुँह से सफ़ेद झाग निकल रहा था, माँ डर गई थीं, नानी भी नहीं है ना! बड़ी माँ के घर गई हैं। कुछ जरूरी काम था उन्हें अचानक जाना पड़ा। नानी के नहीं होने से सब मेरी स्थिति देखकर घबरा गए थे नाना जी, मामा जी और मामी जी सब।

फिर ना मुझे इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया गया। बहुत देर बाद होश आया, २ दिनों तक बहुत थकावट महसूस हो रही थी। आज तबियत थोड़ी ठीक है।

सब कहते हैं कि मुझे जो दवाईयाँ दी जा रही है झटके को रोकने के लिए उतनी ही डोज़ बड़ों को भी दी जाती है यह मेरे liver के लिए खतरनाक है पर इसके सिवाय और कोई रास्ता नहीं दिखाई देता।

पापा का Transfer बैंगलोर के पास एक गाँव है आर्सिकेरे वहाँ हो गया है। दादा दादी भी वहीँ है बस आज मैं भी निकलने वाला हूँ, शाम की फ़्लाईट है हैदराबाद में रात रुकेंगे फिर सबेरे बैंगलोर के लिए फ़्लाईट है बैंगलोर में पापा के एक दोस्त रहते हैं वहाँ पापा ने अपनी कार छोड़ दी है उससे हम गाँव निकल जाऐंगे।
सुना है वहाँ का वातावरण बहुत अच्छा है वहाँ के लोगों में भी साफ़ सफाई के लिए जागरूकता है मेरे पापा, दादा-दादी वहाँ जाकर बहुत खुश हैं। जिनको भीड़ -भाड़ वाली जगह पसंद नहीं हो और प्रकृति के बीच रहने वाले हैं उन लोगों के लिए यह जगह स्वर्ग है। मुझे पहले वहाँ पहुँचने दीजिये फिर में आपको वहाँ की तस्वीरें दिखाऊंगा।
अरे हाँ मैं तो आपको २ खुशखबरी देना भूल गया..... मेरी २ छोटी बहनों ने इस दुनिया में अभी कुछ दिन पहले ही कदम रखा है एक मेरे प्रिय मामा जो हमेशा मेरी मुश्किल घडी में साथ रहे उनकी बेटी और दूसरी मेरी बड़ी मम्मी की बेटी, मेरी नानी वहीं तो गई हैं! :)
अच्छा हम बाद में मिलते हैं.....टाटा
आप सभी अपना ध्यान रखिएगा :)